हम और तुम कभी कबड्डी खेले हो ? सामने से एक बंदा बड़ी तेजी से , अपनी दम साधे आता है , साँसों को रोक कर , तुम्हे छूता है और भाग खड़ा होता है । पकड़ भी लिया गया तो दम नही छोड़ता , साँसों को रोके रखता है । तुम उसे पकड़ भी … Continue reading वो एक पल ….
Month: January 2020
बड़ा शहर , छोटा शहर
बड़े शहरों की अपनी कई खासियत है ! भावविहीन चेहरों के अन्दर सच में 'भाव' खाने की आदत नहीं होती ! किसी के पास पैसा है - वो बड़ी गाड़ी / बंगला 'झमकाता' तो जरुर है पर खुद की खुशी के लिए ना की खुद को बड़ा दिखाने के लिए ! कल ही एक मित्र … Continue reading बड़ा शहर , छोटा शहर
कौन किसका दीदार करे …
तुम और ताज कौन किसका दीदार करे …तू ताज का करेया ताज तेरा करे …सुना है संगमरमर हैतराशे हुए दोनो तरफ़ …कौन किसको स्पर्श करे …तू ताज को करेया ताज तुझे करे … ~ RR / #Daalaan / 09.01.2017 तस्वीर साभार : ऑनलाइन मैगज़ीन 'ब्यूटिफ़ुल डेस्टिनेशन' - जहाँ एक फ़ोटो प्रतियोगिता में लंदन के Joe … Continue reading कौन किसका दीदार करे …
छाया / साया / शैडो
Shadow 'तू जहाँ जहाँ चलेगा …मेरा साया साथ होगा' - राजा मेंहदी हसन अली खान की बेहतरीन पोएट्री ।आख़िर ये साया / छाया / शैडो है क्या चीज़ । विज्ञान ने जो कुछ इसके बारे में समझाया - वह तो आँखों के सामने है , हर रोज दिखता है । लेकिन विज्ञान से आगे भी … Continue reading छाया / साया / शैडो
एक कविता …
थोडा रुको …कुछ सोचो …ये सफ़र भी तुम्हारा है …वो मंज़िल भी तुम्हारी है …कुछ बहको…थोडा महको …ये ज़िंदगी भी तुम्हारी है …वो ख्वाब भी तुम्हारे हैं …कुछ पाओ …थोड़ा गवाओं…ये रात भी तुम्हारी है …वो दिन भी तुम्हारा है …थोड़ा खिलखिलाओ …कुछ आंसू बहाओ…ये सेहरा भी तुम्हारा है …वो गुलशन भी तुम्हारा है …:))~ … Continue reading एक कविता …
श्री बाबू : बिहार के प्रथम प्रधानमंत्री
#SriBabuआज बिहार के प्रथम प्रधानमंत्री एवम मुख्यमंत्री श्री बाबु की पुण्य तिथि है । मेरे ननिहाल क्षेत्र 'बरबीघा' / पुराना मुंगेर के रहने वाले थे । मेरे ननिहाल का नाम 'तेउस' है और उनके गाँव का नाम 'माऊर' है ...:))जब तक दिल्ली रहा - वहाँ के बिहारी समाज द्वारा जब जब उनके जन्मदिवस या पुण्यतिथि … Continue reading श्री बाबू : बिहार के प्रथम प्रधानमंत्री
बिहार की मदद और अप्रवासी बिहारी
Kind Attn : #NonResidentBihari : -विगत कुछ सालों में बिहार को लेकर सबसे ज्यादा बदलाव अप्रवासी बिहारियों के सोच में आया है । पिछले 17 सालों मैं अप्रवासी बिहारी के कई सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़ा रहा हूँ - पिछले पांच सालों में उनके बिहार के प्रति रुख में जबरदस्त गिरावट है । यह सोच … Continue reading बिहार की मदद और अप्रवासी बिहारी
वसंत और खेत
हर किसी ने आज वसंत पंचमी को अपने अपने रंग में मनाया तो धरा ने भी प्रकृति के साथ मिल , आज खुद को कुछ यूं रंग लिया ... :)) ~ यह खूबसूरत तस्वीर पटना से पूरब ' लखीसराय ' जिले की है । पटना से पूरब ज़मीन थोड़ी नीची होते चली जाती है जिसके … Continue reading वसंत और खेत
ज़िन्दगी : एक अधूरी कहानी
हर ज़िंदगी एक कहानी है ! पर कोई कहानी पूर्ण नहीं है ! हर कहानी के कुछ पन्ने गायब हैं ! हर एक इंसान को हक़ है, वो अपने ज़िंदगी के उन पन्नों को फिर से नहीं पढ़े या पढाए, उनको हमेशा के लिए गायब कर देना ही - कहानी को सुन्दर बनाता है ! … Continue reading ज़िन्दगी : एक अधूरी कहानी
छोटे व्यापार और मिडिल क्लास
नया नया नोएडा गया था तो सोसायटी के गेट पर ही एक सब्जी विक्रेता थे । पटना के ही थे सो उन्ही के यहां से सब्जी आता था । सुबह सुबह वो अपना दुकान लगा लेते । सेक्टर 62 नोएडा के सोसायटी पब्लिक सेक्टर कंपनी के थे । मदर डेयरी का बूथ नहीं आया था … Continue reading छोटे व्यापार और मिडिल क्लास
वसंत पंचमी और सरस्वती
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं ...!!! शिशिर का भाई हेमंत अभी भी उत्तर भारत में अपने पैरों को जमाए खड़ा है और ऋतुराज वसंत भी चौखट पर है । कहने का मतलब की ठंड है ।यह तस्वीर 1650 की मेवाड़ स्टाइल पेंटिंग है । मैंने इधर करीब 5 सालों में लाखों अलग अलग … Continue reading वसंत पंचमी और सरस्वती
अभिभावक होना …
इस जीवन में कई मुश्किल काम करने होते हैं - उन्ही में से एक है - 'पैरेंटिंग' ! अब इस उम्र में जब बच्चे टीनएजर हो चुके हैं - इसका दबाब महसूस होता है ! हर एक पीढी अपने हिसाब से - अपने दौर की नज़र से - अपनी बेसिक क्लास की समझ से 'पैरेंटिंग' … Continue reading अभिभावक होना …
जब तुम ताज को देखकर …
तब जब तुम ताज को देख कर झूम जाओगी …उम्र के उस मोड़ पर .अपनी सफेद बालों और बेहतरीन पाशमिना के साथ ….उम्र के उस मोड़ पर .एयरपोर्ट से उसी तेज चाल से निकलते हुए ….मुझे देख मुस्कुरा बैठोगी ….टैक्सी लाए हो या खुद ड्राइव करोगे …थोड़ी तंग …थोड़ी परेशान …मुझसे हमेशा कि तरह बेझिजक … Continue reading जब तुम ताज को देखकर …
ज़िन्दगी के पन्ने
हर ज़िंदगी एक कहानी है ! पर कोई कहानी पूर्ण नहीं है ! हर कहानी के कुछ पन्ने गायब हैं ! हर एक इंसान को हक़ है, वो अपने ज़िंदगी के उन पन्नों को फिर से नहीं पढ़े या पढाए, उनको हमेशा के लिए गायब कर देना ही - कहानी को सुन्दर बनाता है ! … Continue reading ज़िन्दगी के पन्ने
प्रेम और युद्ध
दिनकर लिखते हैं - " समस्या युद्ध की हो अथवा प्रेम की, कठिनाइयाँ सर्वत्र समान हैं। " - दोनों में बहुत साहस चाहिए होता है ! हवा में तलवार भांजना 'युद्ध' नहीं होता और ना ही कविता लिख सन्देश भेजना प्रेम होता है ! युद्ध और प्रेम दोनों की भावनात्मक इंटेंसिटी एक ही है ! … Continue reading प्रेम और युद्ध
प्रकृति , धरा और ऋतुराज
धरा - सखी , ये किसकी आहट है ?प्रकृति - ये वसंत की आहट लगती है ..धरा - कौन वसंत ? हेमंत का भाई ऋतुराज वसंत ?प्रकृती - हाँ , वही तुम्हारा ऋतुराज वसंत …:))धरा - और ये शिशिर ?प्रकृति - वो अब जाने वाला है …धरा - सुनो , मैं कैसी दिख रही हूँ … Continue reading प्रकृति , धरा और ऋतुराज