प्रेम और विशालता

प्रेम और विशालता :दिनकर लिखते हैं - "नर के भीतर एक और नर है जिससे मिलने को एक नारी आतुर रहती है - नारी के भीतर एक और नारी है - जिससे मिलने को एक नर बेचैन रहता है " ..:))और यहीं से शुरू होती है …प्रेम और विशालता की कहानी ! ना तो आकर्षण … Continue reading प्रेम और विशालता

स्त्री – पुरुष / अर्धनारीश्वर

स्त्री - पुरुष / अर्धनारीश्वर आज महाशिवरात्रि है ! स्त्री पुरुष के बीच के संबंधों को समझने का एक अध्यात्मिक कोण ! किसी भी चीज को समझने का अलग अलग कोण है ! अब आप अपने सुविधानुसार या किसी कारणवश किसी भी चीज को अपने कोण से देखते हैं और आपको प्रकृति भी आपको अपने … Continue reading स्त्री – पुरुष / अर्धनारीश्वर

गुलज़ार से मुलाकात : छह साल पहले …2014 में

पटना लिट्रेचर फेस्टिवल -2014 कल्पनाओं के शिखर पर एक अबोध तमन्ना बैठी होती है - उसकी अबोधता को देख ईश्वर उसे अपने गोद में बैठाते हैं - फिर वो तमन्ना एक दिन हकीकत बन बैठती है…:)) आज का दिन बेहतरीन रहा - कल देर रात तक जागने के बाद - सुबह नींद ही खुली 'रविश' … Continue reading गुलज़ार से मुलाकात : छह साल पहले …2014 में

प्रेम …

प्रेम का कोई अलग अलग रूप नहीं होता …हां इसके अलग अलग स्तर जरुर होते हैं ..अब आप किस स्तर पर हैं …यह आपकी क्षमता है …जैसे किसी महासागर की गहराई को नापने की क्षमता …गोताखोर के ताकत पर ! यह जरुरी नहीं की प्रेम स्त्री और पुरुष के बीच ही हो …एक वैज्ञानिक अपने … Continue reading प्रेम …

वर्ल्ड रेडियो डे

आज वर्ल्ड रेडिओ डे है - रेडिओ से जुडी कई यादें हैं - यूँ कहिये जिस जेनेरेशन से हम आते हैं - वो रेडिओ से ही शुरू होता है ..फिर रेडिओ से स्मार्टफोन तक का हमारा सफ़र ..:) बाबा रात में पौने नौ वाला राष्ट्रिय समाचार जरुर से सुनते थे - फिर समाचार के वक़्त … Continue reading वर्ल्ड रेडियो डे

कभी हवाई यात्रा नहीं किए :(

हम आज तक हवाई जहाज़ पर नहीं चढ़े हैं 😐 आपकी क़सम । जब कोई फ़ेसबुक पर हवाई अड्डा पर चेक इन करता है - कैसा कैसा दो मन करने लगता है । हमारे जैसा आदमी के अंदर हीन भावना आती है । 😐 कोई रेलवे स्टेशन पर चेक इन वाला पोस्ट क्यों नहीं डालता … Continue reading कभी हवाई यात्रा नहीं किए 😦

कभी मिलो तो ऐसे मिलो

मोनिका बलूची कभी मिलो तो ऐसे मिलो …जैसे किसी रेस्तरां में …अपने जुड़े के क्लिप को दांतों में फंसा …अपनी हाथों से …अपने तंग जुल्फों में व्यस्त मिलो …कभी मिलो तो ऐसे मिलो …जैसे मेरी नज़र तुम्हारे उस खुबसूरत पेंडेंट पर अटकी हो …और तूम अपने उस बड़े लाल टोट बैग में …अपनी लिपस्टिक को … Continue reading कभी मिलो तो ऐसे मिलो

कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो …

मोनिका बलूची कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो जैसे एक लम्बे उम्र का इंतज़ार …चंद लम्हों में मिलो …हां …उसी रेस्तरां में …जब तुम वेटर को एक कप और चाय की फरमाईश करते हो …जैसे …मै इतनी मासूम ….मुझे कुछ पता ही नहीं …कुछ देर और रुकने का बहाना खोजते मिलो …अपनी मंद मंद मुस्कान … Continue reading कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो …

शकुन्तला

शकुन्तला क्या तुम ही मेनका पुत्री शकुंतला हो ? क्या तुम ही मेनका - विश्वामित्र के प्रेम की धरोहर हो ? क्या तुम ही राजा दुष्यंत की असीम चाहत हो ? क्या तुम ही गंधर्व विवाह की जनक हो ? क्या तुम ही राजा भरत की कोख हो ?या फिर तुम महाकवि कालिदास की महज … Continue reading शकुन्तला

हर हर बुलेट

बुलेट राजा पटना में घर घर बुलेट , हर हर बुलेट हो गया है । जिसको देखिये वही बुलेट हांक रहा है । हाफ लिवर का आदमी भी बुलेट लेकर घूम रहा है । अरे भाई , तुम्हारा कोई इज्जत नही है लेकिन बुलेट का इज्जत तो है …न । अकेले बुलेट स्टैंड पर नही … Continue reading हर हर बुलेट

हरश्रृंगार

हरश्रृंगार पांच साल पुरानी तस्वीर है । इसी शरद ऋतु की एक सुबह अपने गाँव में - घर के बाहरी आँगन में लगे हरसिंगार के पौधे से झरते फूलों को इकट्ठा कर यह तस्वीर मैंने खिंची थी ।शेफाली, पारिजात, सिउली, हरसिंगार, प्राजक्ता …न जाने कितने नाम हैं ।अपनी मीठी ख़ुशबू से सारी रात चाँद को … Continue reading हरश्रृंगार

गुलाब बस गुलाब होते हैं …:))

गुलाब यह गुलाब है । ऋतुराज वसंत के एक सुबह खिला हुआ गुलाब । गुलाब के साथ कोई विशेषण नहीं लगाते , गुलाब की तौहिनि होती है , बस इन्हें गुलाब कहते हैं । बड़ी मुश्किल से गुलाबी गुलाब दिखते है । इन्हें तोड़ना नहीं , मिट्टी से ख़ुशबू निकाल तुमतक पहुँचाते रहेंगे । गुलाब मख़मली … Continue reading गुलाब बस गुलाब होते हैं …:))

ए ननदी …

मैथिली ठाकुर की आवाज़ में यह गीत :)" अंगुरी में डंसले बिया नगिनिया रे …ए ननदी …दियरा जरा द ..आपन भईया के जगा द " - ए ननद …मेरी उंगली में एक नागिन ने डंस लिया है ..दीया जला दो …अपने भैया को जगा दो …:))स्व महेंद्र मिश्र का लिखे हुए इस गीत को न … Continue reading ए ननदी …

हे ऋतुराज वसंत …

हे ऋतुराज वसंत …कौन दिशा आते हो …शिशिर के घमंड को तोड़…किस रंग में हमें रंग जाते हो …हे ऋतुराज वसंत …तेरे आने की खबर हमें कौन दे जाता है …खेतों में लहलहाते सरसों के फूल …या कोयल की मधुर बोल …हे ऋतुराज वसंत …तुम्हारे इंतज़ार में …ठिठुरती धरती भी …तेरे आगमन से…थोडा इठलाती है … Continue reading हे ऋतुराज वसंत …

इंस्टैंट मुहब्बत …

InstantMuhabbat नॉएडा के , सेक्टर अठारह के , एचएसबीसी बैंक ब्रांच में उस रोज - झुकी पलकों को आहिस्ता से उठा , अपने गेशुओं को एक तरफ़ शाने पर रख , वो एक हमउम्र जब पाँच क़दम चल कर, मुझ अनजान तक पहुँच , कहती है - 'एक्सक्यूज मी , पेन प्लीज़' । सेकेंड के … Continue reading इंस्टैंट मुहब्बत …

अशोका द ग्रेट

सम्राट अशोक संभवतः यह सम्राट अशोक की प्रतिमा है । नीतीश कुमार सरकार द्वारा नव निर्मित ज्ञान भवन में यह प्रतिमा स्थापित है - अशोका द ग्रेट । टीनएज में सम्राट अशोक इस कदर मानस पटल पर छाए हुए थे की किताब और कॉपी में खुद को 'रंजन द ग्रेट' भी लिखा करता था :))अमर … Continue reading अशोका द ग्रेट

ब्लैकबेरी

सहरा की भिंगी रेत पर , मैंने लिखा आवारगी~ मोहसिन की बेहतरीन पोएट्री ।तस्वीर इसी मौसम और शायद इसी महीने की है , वर्ष था 2012 . सात साल पहले की है । शनिवार का दिन था और कॉलेज से हाफ डे के बाद मुझे अपने कॉलेज के दिनों के दोस्तों से मिलने जाना था … Continue reading ब्लैकबेरी

गुलाबी सूरज

" गुलाबी सूरज " सूरज भी कभी कभी 'गुलाबी' हो जाता है …धरती को कुहासे में ढका देख …शर्मा जाता है … :))~ RR01.02.2013Blackberry 5 MP Camera . ब्लैकबेरी बेहतरीन स्टाइलिश फोन होता था । आज ब्लैकबेरी का कनेक्शन हटवा दिया ! अच्छा नहीं लगा ! मन बहुत उदास हो गया ! अगस्त 2012 के … Continue reading गुलाबी सूरज

स्व तारकेश्वरी सिन्हा का लिखा एक लेख

स्व तारकेश्वरी सिन्हा जी देश की आज़ादी के वक़्त 'लंदन स्कूल ओफ इकोनोमिक्स', लंदन में थी । महज़ 26 साल में सांसद बनी और बाद में नेहरु मंत्रिमंडल में उप वित्त मंत्री भी । पटना पूर्वी / बाढ़ से चार बार सांसद भी रही ।उनका यह लेख मैंने वर्षों पहले पढ़ा था । बेहतरीन वक़्ता … Continue reading स्व तारकेश्वरी सिन्हा का लिखा एक लेख