मुहब्बत सुब(ह) का इक सितारा है ..' - ये सीरियल देखना ! पाकिस्तानी है ! बहुत संजीदा है ! तुमको पसंद आएगी !क्यों ..मुझे ही क्यों पसंद आएगी ?अरे ...तुम थोडा हट के हो ! तुम्हारी हर पसंद कुछ अलग है !पर ..मै टीवी नहीं देखता !मेरे लिए देख लेना ..मै युटिउब का लिंक भेज … Continue reading प्रेम और प्रकृति …एक कहानी
Month: March 2020
कुछ यूं ही … कोरोना के बहाने
एक अच्छे कॉलेज में पढ़ाने का फल यह हुआ कि में बहुत ही कम उम्र में अपने विषय का हेड एग्जामिनर बन गया । पूरे यूपी के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के उक्त विषय कि कॉपियां मुझे मिली और कई साल यह काम करने का मौका मिला । जहां कहीं भी सेंटर होता था - वहां … Continue reading कुछ यूं ही … कोरोना के बहाने
यादें – 07
Yadein ~ 07 बात 14 अगस्त 2006 की है । 2005 में डबल प्रोमोशन के साथ सहायक प्राध्यापक बन चुके थे , घर बुक हो गया था और चमचमाती नई कार दरवाजे खड़ी थी । पैसों को लेकर थोड़ी तंगी थी । सो छुट्टियों के दिन किसी अन्य विश्वविद्यालय में एक्स्ट्रा क्लास लेने लगा था … Continue reading यादें – 07
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट – पार्ट 2
बात पंद्रह साल पुरानी है ! मै नॉएडा आ चूका था ! शिक्षक बन चूका था ! तब हमारे हेड होते थे - कर्नल गुरुराज ! देश के सबसे बेहतरीन रीजनल कॉलेज 'त्रिची' से पास ! छोटा कद और बेहद कड़क ! तब वो कॉलेज के वाईस प्रिंसिपल भी थे ! जिस दिन ज्वाइन करना … Continue reading प्रोजेक्ट मैनेजमेंट – पार्ट 2
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट – पार्ट 1
ठीक पंद्रह साल पहले की बात है ! इसी जून के महीने एक शाम प्रमोद महाजन दिल्ली एअरपोर्ट पर ए पी जे अब्दुल कलाम का हाथ पकडे बाहर की तरफ निकल रहे थे ! भावी राष्ट्रपति की घोषणा होने वाली थी ! मुर्ख मिडिया ने अब्दुल कलाम साहब पर सवालों के गोले दागने शुरू कर … Continue reading प्रोजेक्ट मैनेजमेंट – पार्ट 1
मेरा गांव – मेरा देस – मेरा मैट्रिक परीक्षा
मार्च के महिना में 'मैट्रीक' का परीक्षा होता है - शायद इस पोस्ट को आपमे से बहुत सारे पढ़े होंगे - फिर से पढ़ लीजिये - जो नहीं पढ़ें हैं - आराम से पढ़िए - खालिस बिहारी है .... :)) बिहार में छठ पूजा के बाद - सबसे महत्वपूर्ण पर्व त्यौहार होता है - घर … Continue reading मेरा गांव – मेरा देस – मेरा मैट्रिक परीक्षा
मेरा देस – मेरा गांव – होली पार्ट २
सुबह सुबह किसी ने पूछ दिया - इंदिरापुरम में आप लोग होली कैसे मनाते हैं ? अब हम क्या बोलें - कुछ नहीं - सुबह से पत्नी - दही बड़ा , मलपुआ , मीट और पुलाव बनाती हैं ! दिन भर खाते हैं - ग्यारह बजे अपने फ़्लैट से नीचे उतर कुछ लोगों को रंग … Continue reading मेरा देस – मेरा गांव – होली पार्ट २
मेरा गांव – मेरा देस – मेरा होली
छठ / होली में जो अपने गाँव - घर नहीं गया - वो अब 'पूर्वी / बिहारी' नहीं रहा ! मुजफ्फरपुर / पटना में रहते थे तो हम लोग भी अपने गाँव जाते थे - बस से , फिर जीप से , फिर कार से ! जैसे जैसे सुख सुविधा बढ़ने लगा - गाँव जाना … Continue reading मेरा गांव – मेरा देस – मेरा होली