राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती

दिनकर जी आज राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की जयन्ती है - जिनकी रचनाओं की धूम पुरे विश्व में रही हो - उनपर मै क्या लिखूं या न लिखूं - सिवाय इसके की - उनकी शब्दों को ही दोहराऊँ - वीर रस में डूबे उनके शब्द तो हमेशा से हमारे आपके मन को एक शक्ती … Continue reading राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती

श्रद्धा और विश्वास …एक छोटी कहानी …

शायद काफी पहले …करीब पचीस - छब्बीस साल पहले …दूरदर्शन पर हर शुक्रवार एक सीरियल जैसा ही आधे घंटे का प्रोग्राम आता था - कथा सागर ! विश्व की बेहतरीन कहानीओं पर आधारित - श्याम बेनेगल भी कई एपिसोड डाइरेक्ट किये थे - कई कहानी आज तक याद है - रेनू की कहानी 'पञ्चलाईट' पर … Continue reading श्रद्धा और विश्वास …एक छोटी कहानी …

आदर्श …

मुझे नहीं लगता - हम अपने आदर्श 'भगवान् बुद्ध' / 'महात्मा गांधी' जैसे महापुरुषों में खोजते हैं - आदर्श हमेशा से आस पास के लोग ही होते हैं - भगवान् बुद्ध के साथ घूम रहे उनके चेलों के लिए 'बुद्ध' आदर्श रहे होंगे - नेहरु / पटेल के लिए महात्मा गांधी आदर्श रहे होंगे - … Continue reading आदर्श …

धर्माधिकारी …

आज से बहुत साल पहले की बात होगी - तब हम ग्रेजुएशन में थे - अचानक अखबार में छपी एक खबर आँखों के सामने आयी - खबर थी - विश्व प्रसिद्द "मनिपाल ग्रुप" के पाई बंधुओं में संपती को लेकर विवाद ! तब और आज भी 'मनिपाल ग्रुप' बहुत फेमस है ! खबर आने लगी … Continue reading धर्माधिकारी …

इंजीनियर्स डे …

आज सर एम विश्वेसरैया जी का जन्मदिन है ! आज के दिन उनकी याद में भारत में 'इंजीनियर्स डे ' भी मानते हैं ! उनको किस किस पदवी से नहीं नवाजा गया - कहना मुश्किल है ! मैसूर राज्य के दीवान / भारत रत्न और भी बहुत कुछ ! मैसूर का फेमस वृन्दावन गार्डेन / … Continue reading इंजीनियर्स डे …

एक कहानी …

एक बहुत ही अमीर परिवार होता था । बहुत बड़ा महल था । लेकिन एक दिक्कत थी , महल के ठीक बगल वाले ज़मीन में एक गरीब परिवार हंसी खुशी रहता था । वो गरीब परिवार दिन भर की मेहनत मजदूरी कर के एक रुपया कमाता था और शाम तक उस परिवार का वो एक … Continue reading एक कहानी …

हिन्दी दिवस …

आज हिंदी दिवस है - बचपन में ईकार को लेकर बड़ी मार पडी है - शब्दों के स्त्री लिंग / पुलिंग को भी लेकर - बताईये तो महाराज - एक बच्चा क्या क्या समझे 😦 ? ये बात हम पूछते भी तो किससे पूछते 😦 जिससे पूछते - वही दो चटकन देने को तैयार रहता … Continue reading हिन्दी दिवस …

छवि …

दिन की थकान और देर शांत रात - मन में हलचल पैदा करती है - वहीं से मिज़ाज के हिसाब से विचार उत्पन्न होते हैं ।मैंने कुछ दिन पहले 'छवि' को लेकर लिखा था । कई बार लिखा और सोचता हूँ - कोई भी इंसान एक ख़ास छवि में कैसे हर वक़्त बँधा रह सकता … Continue reading छवि …

एक कविता …

अहंकार तुम्हारा शस्त्र हैउसके बगैर जीना व्यर्थ है … शस्त्र के साथ हर जगह नहीं …इसके बगैर भी हर जगह नहीं ….अहंकार अग्रज के साथ नहीं ….कुचल दिए जाओगे …अहंकार अनुज के साथ नहीं …घृणा के पात्र बन जाओगे ….अहंकार प्रेम में नहीं …दफ़न हो जाओगे ….अहंकार गुरु के साथ नहीं …कफ़न में लिपट जाओगे … Continue reading एक कविता …

बेगूसराय …

बेगूसराय बेगूसराय :~ इस इलाके कि पहली याद यह है कि बहुत बचपन में रांची से मुज़फ्फरपुर के रास्ते सुबह चार बजे मोकामा राजेन्द्र ब्रिज पर , परिवहन निगम के लाल डब्बा बस पर , मां हमे जगा दिया करती थी – बरौनी रिफाइनरी का जगमगाता टाउनशिप । आधी नींद में बस की खिड़की से … Continue reading बेगूसराय …

निर्णय …

आईक्यू के एक ख़ास बैंडविथ में - करोड़ों लोग होते हैं पर सामाजिक पटल पर उनके जीवन में बहुत अंतर होता है - उसकी एक ख़ास वजह होती है - 'निर्णय' ! जीवन एक सफ़र है और यह एक ऐसा सफ़र होता है - जिसमे 'मंजिल' नाम की कोई चीज़ नहीं होती - जहाँ तक … Continue reading निर्णय …

उम्र …

हर रविवार सुबह नाश्ते के बाद - पान खाने जाता हूँ - मेरे गेट के सामने ही 'पान वाला' है - चौरसिया नहीं है पर मेरे गृह राज्य का ही है - कई गलत आदतें छूट गयीं हैं लेकिन हर इतवार पान खाना बंद नहीं होता - जब उसका लाल पिक होठों के बगल से … Continue reading उम्र …

शिक्षक दिवस …कुछ दिल से …

बहुत सारे विषय पर लिखने का मन करता है ! कई लोग पर्सनल चैट पर प्रशंषा करते हैं - आगे खुल कर नहीं बोल पाते 🙂 ! आप सभी को मेरा लिखना पसंद आता है - यही बहुत बड़ी बात है ! बहुत सारे लोग जो यह भी जानते हैं की मै एक शिक्षक हूँ … Continue reading शिक्षक दिवस …कुछ दिल से …

गप्प …दे गप्प …दे गप्प …

सुख क्या है ? आनन्द की अनुभूती कब होती है ? परम आनन्द कैसे मिले ? कई सवाल हैं ! हर उम्र और मौके के हिसाब से इन सब की व्याख्या है ! पर एक सुख है - वो है - 'गप्प' ! जिसे मेरे बिहार में 'गप्पासटिंग' भी कहते हैं ! और हम एक … Continue reading गप्प …दे गप्प …दे गप्प …