सेंधमारी , चोरी और डकैती …

सेंधमारी , चोरी और डकैती :
बचपन का गाँव याद आता है । भोरे भोरे एक हल्ला पर नींद ख़ुलती थी । बिना हवाई चप्पल के ही बाहर भागे तो पता चला रमेसर काका के घर सेंधमारी हुआ है । 😳 नयकी कनिया के घर में अर्धचंद्रकार ढंग से दीवार तोड़ – उनका गहना ग़ायब । कोई देवर टाइप मज़ाक़ कर दिया – आया होगा कोई पुराना आशिक़ 😝 सेंधमारी का अपना अलग औज़ार होता था – बिना आवाज़ के मोटा दीवार तोड़ देना कोई मज़ाक़ नहीं । अब सेंधमारी नहीं होता है , कला विलुप्त हो गयी है । लेकिन सेंधमारी को कभी सिरीयस नहीं लिया गया । इस कला को ना तो इज़्ज़त मिली और ना ही धन ।
एक होता है – चोरी । सेंधमारी से थोड़ा ज़्यादा हिम्मत । छप्पर छड़प के घर में ‘हेल’ गए । मुँह में नक़ाब लगा कर – थोड़ा ‘मऊगा’ टाइप । अधिकतर चोर हल्की फुल्की सामान चोरी करते हैं । परीक्षा में भी चोरी । ताक झाँक से लेकर पुर्ज़ा तक । वक़्त सिनेमा में राजकुमार टाइप चोर भी – निगाहें मिलाते मिलाते रानी साहिबा का हार ग़ायब ! दिल का भी चोरी , चोर जैसा चुपक़े चुपके आहिस्ता आहिस्ता । लेकिन चोरी कैसा भी हो – कितना बड़ा भी चोरी हो – उसे सामाजिक प्रतिष्ठा नहीं मिली । चोर अपने आप में एक गाली है – क्या ‘चोर’ जैसा मुँह बनाए हुए हो ।
एक होता है – डकैती । सुनील दत्त टाइप घोड़ा पर सवार । काला टीका । बंदूक़ के नाल पर रूपैया रख – ठाएँ । माँ भवानी किया और बीच बाज़ार उठा लिया । अब बैठ कर गीत गाते रहिए – रात है कुछ मध्यम मध्यम , वहीदा रहमान टाइप । डकैत ले गया – सब कुछ । डकैती का क़िस्सा भी थोड़ा स्टेटस वाला , स्कूल में हवाबाज़ी – मेरे घर डकैती हुआ था , बेंच पर हाथ मुँह रख ख़ूब चाव से सुनते थे । डकैत आया और दिया दो तबड़ाक ‘पुत्तु चाचा’ को । 😝 डकैत संस्कार वाले होते हैं । न्याय देते हैं । डकैती को सामाजिक इज़्ज़त है – सर सिपाही भी घबराते हैं । डकैत का ललाट चमकता है । डकैती गाली नहीं है । डकैत को गोली लगती है और चोर बँधा के पिटाता है और सेंधमार कभी पकड़ा नहीं जाता है 😎
लेकिन सेंधमारी , चोरी और डकैती तीनों का मंज़िल एक ही है – अब आप क्या करते है – यह आपके आंतरिक व्यक्तित्व पर निर्भर करता है 😝
~ रंजन ऋतुराज / दालान / 2016

One thought on “सेंधमारी , चोरी और डकैती …

  1. अब डिजिटल इंडिया में चोरी,डकैती,सेंधमारी,अपहरण,फिरौती के नये नये तरीके आ गये हैं।अब खाते से हीं पैसे गोल हो रहे हैं,अब सरकार भी तरह तरह के सर्विस टैक्स इजाद कर रही है।सबसे मुफीद जगह ठीकेदारी है।सडक,पुल पुलिया का टेंडर लेकर पेटी कंटैक्ट पर दे देना।नौकरी दिलाने,जमीन कब्जा कराने जैसे रोजगार भी काफी मुनाफेवाले हैं।

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