छठ : जब ले माई बिया …

आज नहाय - खाय है ! हल्का ठण्ड ! कुहासा भी है ! कम्बल से बाहर निकला तो देखा - दरवाजे पर हुजूम ! बाबा का खादी वाला शाल ओढ़ - चाचा का हवाई चप्पल ले के …बाहर ! कुर्सियां सजी है - लोग बैठे हैं !अहा …मिंटू चाचा …एक कुर्सी पर चुप चाप ! … Continue reading छठ : जब ले माई बिया …

रवीश कुमार की यादों में छठ

रविश कुमार शौक से पत्रकार है - मेरे पड़ोसी से मेरा ही परिचय देने लगे - "हम यादों में जीते हैं" - आज के 'प्रभात खबर' के पहले पन्ने पर छपी - उनकी बेहतरीन लेख - छठ पूजा पर - "सामूहिकता सिखाते छठ घाट"‘नरियलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुग्गा मेड़राए, ऊ जे खबरी … Continue reading रवीश कुमार की यादों में छठ