शायद मैंने पहले भी लिखा था और फिर से लिख रहा हूँ ! प्रेम का आधार क्या है ? मै 'आकर्षण' की बात नहीं कर रहा ! मै विशुद्ध प्रेम की बात कर रहा हूँ ! मेरी नज़र में प्रेम का दो आधार है - 'खून और अपनापन' ! बाकी सभी आधार पल भर के … Continue reading प्रेम का आधार …
Attraction
कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो …
मोनिका बलूची कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो जैसे एक लम्बे उम्र का इंतज़ार …चंद लम्हों में मिलो …हां …उसी रेस्तरां में …जब तुम वेटर को एक कप और चाय की फरमाईश करते हो …जैसे …मै इतनी मासूम ….मुझे कुछ पता ही नहीं …कुछ देर और रुकने का बहाना खोजते मिलो …अपनी मंद मंद मुस्कान … Continue reading कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो …
इंस्टैंट मुहब्बत …
InstantMuhabbat नॉएडा के , सेक्टर अठारह के , एचएसबीसी बैंक ब्रांच में उस रोज - झुकी पलकों को आहिस्ता से उठा , अपने गेशुओं को एक तरफ़ शाने पर रख , वो एक हमउम्र जब पाँच क़दम चल कर, मुझ अनजान तक पहुँच , कहती है - 'एक्सक्यूज मी , पेन प्लीज़' । सेकेंड के … Continue reading इंस्टैंट मुहब्बत …