अविनाश / ब्लैक डायल बहुत दिनों तक हाथ में घड़ी पहन सोने की आदत बनी रही - इस बीच कई बार घड़ी स्लो हो जाती और देर से नींद खुलती - बहुत अफ़सोस और कुछ खोया खोया सा महसूस होता था - अब इस ग्लानी से ऊपर उठ चूका हूँ - लगता है - पाया … Continue reading घड़ी ….
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दालान लिट्रेचर फेस्टिवल की कहानी
अंजू की गुड़िया : एक कहानीगर्मियाँ आते ही, मैं और मेरे तमाम, हमउम्र भाई-बहन, टाइमपास के नये-नये तरीके ढूँढते ! उन्ही में से एक खेल होता गुड्डे-गुड़िया का ! सिर्फ़ एक घर नही, पूरा मोहल्ला ही बरामदे में बसा लेते हम ! जो बरामदे से निकलता, हाँक देता- “हटाओ ये टीम-टाम!” ! गर्मी की उन … Continue reading दालान लिट्रेचर फेस्टिवल की कहानी
छाता …
आइये मेरे पटना में - बारिशों का मौसम है ..:)) जबरदस्त बारिश हो रही है - मेरे पटना में …छाता ….पहले लकड़ी वाला छाता होता था …जैसा छाता वैसा उस इंसान का हैसियत …कलकत्ता से छाता आता था …एक फेमस ब्रांड होता था …नाम भूल रहा हूँ …स्प्रिंग एकदम हार्ड …सब अजिन कजिन उस छाता … Continue reading छाता …
कहानी साबुन की …
खस साबुन इस छोटे से जीवन में तरह तरह का साबुन देखा और लगाया लेकिन आज भी गर्मी के दिनों में खस और जाड़ा में पियर्स का कोई जोड़ नहीं है ।बाबा को लक्स लगाते देखते थे । दे लक्स …दे लक्स । ढेला जैसा लेकिन सुगंधित । किसी पर चला दीजिए तो कपार फुट … Continue reading कहानी साबुन की …
इंस्टैंट मुहब्बत …
InstantMuhabbat नॉएडा के , सेक्टर अठारह के , एचएसबीसी बैंक ब्रांच में उस रोज - झुकी पलकों को आहिस्ता से उठा , अपने गेशुओं को एक तरफ़ शाने पर रख , वो एक हमउम्र जब पाँच क़दम चल कर, मुझ अनजान तक पहुँच , कहती है - 'एक्सक्यूज मी , पेन प्लीज़' । सेकेंड के … Continue reading इंस्टैंट मुहब्बत …
कौन किसका दीदार करे …
तुम और ताज कौन किसका दीदार करे …तू ताज का करेया ताज तेरा करे …सुना है संगमरमर हैतराशे हुए दोनो तरफ़ …कौन किसको स्पर्श करे …तू ताज को करेया ताज तुझे करे … ~ RR / #Daalaan / 09.01.2017 तस्वीर साभार : ऑनलाइन मैगज़ीन 'ब्यूटिफ़ुल डेस्टिनेशन' - जहाँ एक फ़ोटो प्रतियोगिता में लंदन के Joe … Continue reading कौन किसका दीदार करे …
छोटे व्यापार और मिडिल क्लास
नया नया नोएडा गया था तो सोसायटी के गेट पर ही एक सब्जी विक्रेता थे । पटना के ही थे सो उन्ही के यहां से सब्जी आता था । सुबह सुबह वो अपना दुकान लगा लेते । सेक्टर 62 नोएडा के सोसायटी पब्लिक सेक्टर कंपनी के थे । मदर डेयरी का बूथ नहीं आया था … Continue reading छोटे व्यापार और मिडिल क्लास
वसंत पंचमी और सरस्वती
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं ...!!! शिशिर का भाई हेमंत अभी भी उत्तर भारत में अपने पैरों को जमाए खड़ा है और ऋतुराज वसंत भी चौखट पर है । कहने का मतलब की ठंड है ।यह तस्वीर 1650 की मेवाड़ स्टाइल पेंटिंग है । मैंने इधर करीब 5 सालों में लाखों अलग अलग … Continue reading वसंत पंचमी और सरस्वती
अभिभावक होना …
इस जीवन में कई मुश्किल काम करने होते हैं - उन्ही में से एक है - 'पैरेंटिंग' ! अब इस उम्र में जब बच्चे टीनएजर हो चुके हैं - इसका दबाब महसूस होता है ! हर एक पीढी अपने हिसाब से - अपने दौर की नज़र से - अपनी बेसिक क्लास की समझ से 'पैरेंटिंग' … Continue reading अभिभावक होना …
जब तुम ताज को देखकर …
तब जब तुम ताज को देख कर झूम जाओगी …उम्र के उस मोड़ पर .अपनी सफेद बालों और बेहतरीन पाशमिना के साथ ….उम्र के उस मोड़ पर .एयरपोर्ट से उसी तेज चाल से निकलते हुए ….मुझे देख मुस्कुरा बैठोगी ….टैक्सी लाए हो या खुद ड्राइव करोगे …थोड़ी तंग …थोड़ी परेशान …मुझसे हमेशा कि तरह बेझिजक … Continue reading जब तुम ताज को देखकर …
ज़िन्दगी के पन्ने
हर ज़िंदगी एक कहानी है ! पर कोई कहानी पूर्ण नहीं है ! हर कहानी के कुछ पन्ने गायब हैं ! हर एक इंसान को हक़ है, वो अपने ज़िंदगी के उन पन्नों को फिर से नहीं पढ़े या पढाए, उनको हमेशा के लिए गायब कर देना ही - कहानी को सुन्दर बनाता है ! … Continue reading ज़िन्दगी के पन्ने
प्रेम और युद्ध
दिनकर लिखते हैं - " समस्या युद्ध की हो अथवा प्रेम की, कठिनाइयाँ सर्वत्र समान हैं। " - दोनों में बहुत साहस चाहिए होता है ! हवा में तलवार भांजना 'युद्ध' नहीं होता और ना ही कविता लिख सन्देश भेजना प्रेम होता है ! युद्ध और प्रेम दोनों की भावनात्मक इंटेंसिटी एक ही है ! … Continue reading प्रेम और युद्ध
प्रकृति , धरा और ऋतुराज
धरा - सखी , ये किसकी आहट है ?प्रकृति - ये वसंत की आहट लगती है ..धरा - कौन वसंत ? हेमंत का भाई ऋतुराज वसंत ?प्रकृती - हाँ , वही तुम्हारा ऋतुराज वसंत …:))धरा - और ये शिशिर ?प्रकृति - वो अब जाने वाला है …धरा - सुनो , मैं कैसी दिख रही हूँ … Continue reading प्रकृति , धरा और ऋतुराज