दिनकर जी आज राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की जयन्ती है - जिनकी रचनाओं की धूम पुरे विश्व में रही हो - उनपर मै क्या लिखूं या न लिखूं - सिवाय इसके की - उनकी शब्दों को ही दोहराऊँ - वीर रस में डूबे उनके शब्द तो हमेशा से हमारे आपके मन को एक शक्ती … Continue reading राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती
Dinkar
प्रेम और विशालता
प्रेम और विशालता :दिनकर लिखते हैं - "नर के भीतर एक और नर है जिससे मिलने को एक नारी आतुर रहती है - नारी के भीतर एक और नारी है - जिससे मिलने को एक नर बेचैन रहता है " ..:))और यहीं से शुरू होती है …प्रेम और विशालता की कहानी ! ना तो आकर्षण … Continue reading प्रेम और विशालता