गुलज़ार …

Gulzar - Happy BirthDay Sir 🙂 'खट्टी मीठी आँखों की रसीली बोलियाँबोलिए सुरीली बोलियाँ ' गृहप्रवेश का यह गीत एक तड़के सुबह से आँखों में गूंज रहा है ! जब आप आगे लिखते हैं - 'रात में घोले चाँद की मिश्री - दिन के गम नमकीन लगते है - नमकीन आँखों की नशीली बोलियाँ' !बस … Continue reading गुलज़ार …

गुलज़ार से मुलाकात : छह साल पहले …2014 में

पटना लिट्रेचर फेस्टिवल -2014 कल्पनाओं के शिखर पर एक अबोध तमन्ना बैठी होती है - उसकी अबोधता को देख ईश्वर उसे अपने गोद में बैठाते हैं - फिर वो तमन्ना एक दिन हकीकत बन बैठती है…:)) आज का दिन बेहतरीन रहा - कल देर रात तक जागने के बाद - सुबह नींद ही खुली 'रविश' … Continue reading गुलज़ार से मुलाकात : छह साल पहले …2014 में