~ प्रेम में बहुत शक्ति है । लेकिन हर किसी की चाह अनकंडीशनल प्रेम की होती है । हा हा हा । मुझे लगता है – यह प्रेम सिर्फ और सिर्फ मां से ही प्राप्त होता है लेकिन इसमें भी एक कंडीशन है – आपको उन्हीं के कोख से जन्मना होगा । हा हा हा … Continue reading नवरात्र – ४ , २०२०
Love
सुना है ….
सुना है …वो मेरे दालान पर आती है …चुपके चुपके …देर चाँदनी रात …लम्बे घूँघट में झुकी नज़रों के साथ …सावन की बूँदों सी पायल की रुनझुन के साथ …दबे पाँव आधी रात …:))कुछ पढ़ कर …कुछ सुन कर …खिड़कियों को खटखटा कर …वो वापस चली जाती है …चुपके चुपके…देर चाँदनी रात …लम्बे घूँघट में … Continue reading सुना है ….
प्रेम का आधार …
शायद मैंने पहले भी लिखा था और फिर से लिख रहा हूँ ! प्रेम का आधार क्या है ? मै 'आकर्षण' की बात नहीं कर रहा ! मै विशुद्ध प्रेम की बात कर रहा हूँ ! मेरी नज़र में प्रेम का दो आधार है - 'खून और अपनापन' ! बाकी सभी आधार पल भर के … Continue reading प्रेम का आधार …
प्रेम और विशालता
प्रेम और विशालता :दिनकर लिखते हैं - "नर के भीतर एक और नर है जिससे मिलने को एक नारी आतुर रहती है - नारी के भीतर एक और नारी है - जिससे मिलने को एक नर बेचैन रहता है " ..:))और यहीं से शुरू होती है …प्रेम और विशालता की कहानी ! ना तो आकर्षण … Continue reading प्रेम और विशालता
प्रेम …
प्रेम का कोई अलग अलग रूप नहीं होता …हां इसके अलग अलग स्तर जरुर होते हैं ..अब आप किस स्तर पर हैं …यह आपकी क्षमता है …जैसे किसी महासागर की गहराई को नापने की क्षमता …गोताखोर के ताकत पर ! यह जरुरी नहीं की प्रेम स्त्री और पुरुष के बीच ही हो …एक वैज्ञानिक अपने … Continue reading प्रेम …
कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो …
मोनिका बलूची कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो जैसे एक लम्बे उम्र का इंतज़ार …चंद लम्हों में मिलो …हां …उसी रेस्तरां में …जब तुम वेटर को एक कप और चाय की फरमाईश करते हो …जैसे …मै इतनी मासूम ….मुझे कुछ पता ही नहीं …कुछ देर और रुकने का बहाना खोजते मिलो …अपनी मंद मंद मुस्कान … Continue reading कभी मिलो तो कुछ ऐसे मिलो …
शकुन्तला
शकुन्तला क्या तुम ही मेनका पुत्री शकुंतला हो ? क्या तुम ही मेनका - विश्वामित्र के प्रेम की धरोहर हो ? क्या तुम ही राजा दुष्यंत की असीम चाहत हो ? क्या तुम ही गंधर्व विवाह की जनक हो ? क्या तुम ही राजा भरत की कोख हो ?या फिर तुम महाकवि कालिदास की महज … Continue reading शकुन्तला
वो एक पल ….
हम और तुम कभी कबड्डी खेले हो ? सामने से एक बंदा बड़ी तेजी से , अपनी दम साधे आता है , साँसों को रोक कर , तुम्हे छूता है और भाग खड़ा होता है । पकड़ भी लिया गया तो दम नही छोड़ता , साँसों को रोके रखता है । तुम उसे पकड़ भी … Continue reading वो एक पल ….
कौन किसका दीदार करे …
तुम और ताज कौन किसका दीदार करे …तू ताज का करेया ताज तेरा करे …सुना है संगमरमर हैतराशे हुए दोनो तरफ़ …कौन किसको स्पर्श करे …तू ताज को करेया ताज तुझे करे … ~ RR / #Daalaan / 09.01.2017 तस्वीर साभार : ऑनलाइन मैगज़ीन 'ब्यूटिफ़ुल डेस्टिनेशन' - जहाँ एक फ़ोटो प्रतियोगिता में लंदन के Joe … Continue reading कौन किसका दीदार करे …
वसंत पंचमी और सरस्वती
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं ...!!! शिशिर का भाई हेमंत अभी भी उत्तर भारत में अपने पैरों को जमाए खड़ा है और ऋतुराज वसंत भी चौखट पर है । कहने का मतलब की ठंड है ।यह तस्वीर 1650 की मेवाड़ स्टाइल पेंटिंग है । मैंने इधर करीब 5 सालों में लाखों अलग अलग … Continue reading वसंत पंचमी और सरस्वती
अभिभावक होना …
इस जीवन में कई मुश्किल काम करने होते हैं - उन्ही में से एक है - 'पैरेंटिंग' ! अब इस उम्र में जब बच्चे टीनएजर हो चुके हैं - इसका दबाब महसूस होता है ! हर एक पीढी अपने हिसाब से - अपने दौर की नज़र से - अपनी बेसिक क्लास की समझ से 'पैरेंटिंग' … Continue reading अभिभावक होना …
जब तुम ताज को देखकर …
तब जब तुम ताज को देख कर झूम जाओगी …उम्र के उस मोड़ पर .अपनी सफेद बालों और बेहतरीन पाशमिना के साथ ….उम्र के उस मोड़ पर .एयरपोर्ट से उसी तेज चाल से निकलते हुए ….मुझे देख मुस्कुरा बैठोगी ….टैक्सी लाए हो या खुद ड्राइव करोगे …थोड़ी तंग …थोड़ी परेशान …मुझसे हमेशा कि तरह बेझिजक … Continue reading जब तुम ताज को देखकर …
प्रेम और युद्ध
दिनकर लिखते हैं - " समस्या युद्ध की हो अथवा प्रेम की, कठिनाइयाँ सर्वत्र समान हैं। " - दोनों में बहुत साहस चाहिए होता है ! हवा में तलवार भांजना 'युद्ध' नहीं होता और ना ही कविता लिख सन्देश भेजना प्रेम होता है ! युद्ध और प्रेम दोनों की भावनात्मक इंटेंसिटी एक ही है ! … Continue reading प्रेम और युद्ध