हाफ पैंट

हाफ पैंट

हाफ पैंट भी गजब का ड्रेस है – हम जैसे छोटे शहर से आये लोग इसको पहनते ही ‘फुल्ल कॉन्फिडेंस’ में आ जाते हैं ! कार भी स्टाईल से चलाने लगते हैं – क्या कहें ..हम ! आज कल ठेहुना तक वाला फैशन में है – यूनी सेक्स – दस पॉकेट तो होगा ही ! बाज़ार में गाड़ी पार्क किये – पार्किंग टिकट किस पॉकेट में रखे – पता नहीं 🙁 गाड़ी वापस लेते वक्त – कुत्ता की तरह सब पॉकेट खोजिये – हाँफते हुए – मालूम नहीं कहाँ गया ! बचपन में ब्लू चेक लूंगी लोगों को पहनते देखे थे – अब वैसा ही चेक वाला हाफ पैंट आ गया है !
बबलू दिल्ली आया था – कलक्टर बनने – मगध ट्रेन से आता था – जाता था ! स्टेशन पहुँचते ही हाफ पैंट और रात में भी नकली रेबैन और कान में वाक् मैन – मैडोना का कैसेट पहली दफा उसके पास ही देखे थे – बस देखते रह गए थे – बोला ..कभी आओ ..दिल्ली ..मुखर्जी नगर ..और बढ़िया बढ़िया गाना सुनायेंगे – कैसेट दिखायेंगे ! बाबु जी से बोले – हमहू जायेंगे – दिल्ली – हाफ पैंट में – मगध से ! मालूम नहीं क्या हुआ – बबलू को हाफ पैंट पहनते पहनते – किसी हाफ पैंट वाली से मुहब्बत हो गया – कलक्टरी गया तेल लेने – अब वो मोमो खाने लगा ! पटना आता था – मोमो के किस्से – हम समोसा ( सिंघाडा ) वाले उब गए थे सुनते सुनते ! सुने हैं – अब उसका अपना खुद का वहीँ कहीं ‘मोमो का ठेला’ लगता है – दोनों हाफ पैंट में ही मोमो बेचते हैं – लाल खूब तीखा चटनी के साथ !
वूडलैंड ने तो और कहर ढाया हुआ है – उसका हाफ पैंट में कॉन्फिडेंस तो बहुत है – लेकिन बुलेट से भी भारी – भादों में धो दीजिए तो कातिक में सूखेगा ! सब ठीक है – लेकिन जब चिम्पू भी उसको पहन लेता है – क्या कहें …उसको देख ..चिम्पू का दो बरतुहार ( लडकी वाला – शादी हेतु ) भाग गया ! चिम्पू ..अब उसी हाफ पैंट में …प्रगति मैदान में …मेला के टाईम ‘घुघनी – चिउरा’ बेचता है …हाथ में कलछुल लिए हुए …!!!

~ रंजन / 25.08.12 / दालान ब्लॉग

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