शायद काफी पहले …करीब पचीस – छब्बीस साल पहले …दूरदर्शन पर हर शुक्रवार एक सीरियल जैसा ही आधे घंटे का प्रोग्राम आता था – कथा सागर ! विश्व की बेहतरीन कहानीओं पर आधारित – श्याम बेनेगल भी कई एपिसोड डाइरेक्ट किये थे – कई कहानी आज तक याद है – रेनू की कहानी ‘पञ्चलाईट’ पर भी एक एपिसोड बना था !
एक कहानी थी – कुछ अनपढ़ लोग ईश्वर के भक्त हो जाते हैं – कुछ जप तप करने लगते हैं – पर उनको सही ढंग से नहीं पता – गलत उच्चारण – जैसे तैसे – पर पुरी श्रद्धा से – उनकी परीक्षा कुछ ज्ञानी लोगों द्वारा ली जाती है – उनको एक लबालब नदी से आर पार करना होता है – अपने जप तप की शक्ती से – सभी ज्ञानी को यही लग रहा था – ये अनपढ़ क्या नदी पार करेंगे – डूब जायेंगे – पर वो नदी पार ही नहीं किये – बल्की नदी को ऐसे पार किये जैसे वो किसी सड़क पर चल रहे हों – यह देख ज्ञानी अचरज में पड गए – भगवान् के पास गए – बोले – ये क्या – जिसे मंत्र का उच्चारण भी नहीं पता – उसमे इतनी शक्ती कैसे ? भगवान् ..मुस्कुराए …बोले …श्रद्धा है …अन्दर से …और हम वहीँ रहते हैं …वही देखते हैं !
~ रंजन / दालान / 19.09.2012
Aradhana Singh
Nice