कलेजी / लीवर फ्राई

कलेजी / लीवर फ्राई

कलेजी फ्राई

कलेजी / लीवर फ्राई 😎
~ हालांकि परबाबा वाली पीढ़ी में घर में किसी ने नॉन वेज नही खाया लेकिन बाबा वाली पीढ़ी से लोग खाने लगे ।
: गांव में बाजार लगता था । जिसे हम हाट कहते है । बिहार के तिरहुत में इसे पेठिया भी कहा जाता है । भीड़ रहती थी । वहीं कोना में मांस मछरी भी । खस्सी कटाया तो थोड़ा ज्यादा कलेजी 😎
: दरवाजा या ओसारा में ईट के चूल्हे पर अलुमनियम के तसला में मटन भूंजा रहा है । भूंजा रहा है ❤️ सिलवट पर गरम मसाला पिसा रहा है । घूम फिर कर आइए तो एक छोटा पीस चखने के लिए मिला की मटन अभी पका है या नहीं टाइप । चखते चखते में आधा किलो मटन खत्म । अब एक आदमी थोड़े न चखेगा , घर के सभी पुरुष बारी बारी से चखेंगे 😂
~ इसी बीच हम बच्चो का काम की कलेजी को लकड़ी या लोहा के सिक में घुसा कर उसी ईट वाले चूल्हे में पकाना । शुद्ध आग में थोड़ा जला हुआ , फिर उसमे नमक इत्यादि मिला कर खाना ❤️
: हमारी याद में कलेजी को कभी तला नही जाता था । शुद्ध आग । जो लोग अल्कोहल के शौकीन है उनके लिए कलेजी से बढ़िया कोई और चखना नही क्योंकि इसमें आयरन होता है , अल्कोहल से खुद के लीवर को हुए नुकसान को यह ज्यादा प्रभावित होने से रोकता है ।
~ अब नई पीढ़ी बार बे क्यू और मालूम नही क्या क्या नाम देती है लेकिन हमारे बचपन में वही आग में पकाया हुआ हल्का जला हुआ कलेजी , नींबू के रस और नमक / गोल मिर्च के साथ ❤️
: उठिए , झोला लेकर पहुंचिए मटन बाजार । ऐ थोड़ा कलेजी ज्यादा देना 😎 इस वाक्य को बोलते वक्त आत्मा में जो सामंतवाद का लहर आता है वो लाल बत्ती में भी नही 😂
~ रंजन , दालान

4 comments

Chandra Nirmal

जबरदस्त सरल भाषा प्रस्तुति! साधुवाद! बहुत गहराई है। डुबकी लगा पाये तो।

    Amod Pandey

    हम त अंडा खाये वाला शाकाहारी मानीले अपने आप के लेकिन राउर लेख पढ़के ……लकड़ी के सिक में कलेजी के पका के निंबु , नून अउरी गोलकी रगर के मुँह में बिना खईले स्वाद आ गईल

Amit pandey

A man ,how can write such deep thing which has occurred in past at rural area .similatannius u always concet with metro life.u write in such way that u are very close to rural as well as metro culture.
U r only one person who is directly connecting with all age group.

Zafar alam hashmi

दालान 2020से लिख रहे हैं
मुझे तो अभी पकड़ आया बेसब्री से इंतजार रहता है जब भी सामने आता हैं पढ़ें लेते हैं 😅

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