मदारी की भी तो कुछ मजबूरियां रही होंगी … वर्ना कौन अपना वक्त जाया कर के मुझे इस कदर नचाता …~ अब जब मदारी जिस रोज घर से बाहर नहीं निकलता है , उस रोज मै भयभीत हो जाता हूं । आज ना वो मुझे नचाएगा और ना ही मेरे नाचने पर चंद सिक्के आएंगे … Continue reading मदारी
Month: July 2023
दिनकर जी की कविताएं
खुशवंत सिंह , मुंशी प्रेमचंद के बाद दिनकर जी की को घर के लाइब्रेरी में रखना अपने आप एक सुखद अनुभव है 😊 हालांकि पिछले 15 साल में दिनकर जी को दूसरा या तीसरा बार मंगाया हूं ।~ बंगलोर प्रवास के दौरान पाया की मेरे लॉज के नीचे ही अखबार के डिस्ट्रीब्यूटर सुबह चार बजे … Continue reading दिनकर जी की कविताएं
ताजिया / तजिया
आज तजिया / ताजिया है ! शहर शहर , गाँव गाँव तजिया निकला होगा ! मेरे गाँव में भी ! बचपन यादों की गली से झाँक रहा है ! कई दिन पहले से तजिया को सजाने का काम शुरू हो जाता था ! लम्बे और खूब ऊँचे तजिया !"हसन - हुसैन" करते टोली आती थी … Continue reading ताजिया / तजिया
डायना: ब्रिटेन की राजकुमारी
DaalaanBeauties ~ स्वयं उस खून से थी जिसने चर्चिल जैसे महान राजनेता सह विचारक पैदा किए और ब्याही गई विश्व के सबसे बड़े सामंती परिवार में ।: बेहद पसंद । हाई स्कूल और कॉलेज के जमाने में शायद ही कभी इनका खबर रुचि से नही पढ़ा होऊंगा । अखबार या मैगजीन में ये छप जाएं … Continue reading डायना: ब्रिटेन की राजकुमारी
मुंशी प्रेमचंद और रफी साहब
क्रिएटिविटी की दुनिया में आज का दिन महतवपूर्ण है ! आज महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद का जन्मदिन है और महान पार्श्व गायक मोहम्मद रफ़ी साहब का पुण्यतिथि !मुंशी प्रेमचंद से मुलाकात उनकी कहानी 'दो बैलों की कहानी' से हुई थी ! फिर पञ्च परमेश्वर , नमक का दारोगा , बड़े घर की बेटी ! ठीक … Continue reading मुंशी प्रेमचंद और रफी साहब
छाता …
छाता छाता 😊~ अगर बचपन को याद करूं तो छाता जरूरत के साथ साथ सभ्यता का भी प्रतीक होता है । पहले बेंत वाले छाते आते थे 😊 गांव के बाजार पर एक छाता मरम्मत वाले बैठते थे । कुछ ग्रामीण छाता मरम्मत वाले के सड़क किनारे चुकुमुकू बैठ अपनी छाता मरम्मत करा रहे 😊: … Continue reading छाता …
पंकज त्रिपाठी
पंकज त्रिपाठी PankajTripathi / 2020 आज दोपहर फोन से एक मैसेज लिख रहा था तो बेटी ने पूछा - कहां व्यस्त हैं ? तो मैंने कहा - पंकज को मैसेज कर रहा हूं । बेटी वापस चली गई और लौट कर पूछी - कौन पंकज ? मैंने कहा - पंकज त्रिपाठी गोपालगंज वाले । बेटी … Continue reading पंकज त्रिपाठी
अलाऊ और हाथी :))
महावत "सलाम… बाबू"~ इसी संबोधन के साथ अक्सर शाम को हमारे ग्रामीण अलाउद्दीन का फोन आता है 😊 हम बचपन में अलाउद्दीन को अलाऊ कहते थे । हमारे पंचायत के करीब 22 साल तक मुखिया / ग्राम प्रधान रहे अल्शेर मियां के 4/5 पुत्रों में से एक : अलाऊ 😊: दरबार में करीब 200 साल … Continue reading अलाऊ और हाथी :))