रतन टाटा : राजकुंवर

रतन टाटा : राजकुंवर

राजकुंवर कौन होते हैं 😊
~ राजकुंवर कोमल होते हैं . राजकुंवर मृदुल होते हैं . राजकुंवर दयालु होते हैं . राजकुंवर करुणा से भरपूर होते हैं . राजकुंवर मासूम होते हैं .

राजकुंवर अभावविहीन होते हैं , छल प्रपंच से कोसों दूर होते हैं 😊
~ हर इंसान को तो ईश्वर गंगोत्री की तरह पवित्र बना के भेजता है . लेकिन जीने के लिए समाज का संघर्ष उसे या तो कठोर बना देता है या फिर या इतना मृदुल की अब संघर्ष का उस पर असर ही ना हो .

जिस इंसान ने अपने जीवन में कभी अभाव देखा ही नहीं , वही तो राजकुंवर जैसा बर्ताव करेगा . वही न्याय करेगा . वही अन्यों की पीड़ा समझेगा . जीवन के जिस कोण में इन्होंने अभाव देखा , बड़ी हिम्मत से अपने इंटरव्यू में उसे बोला भी है . छुपाया नहीं . खुल कर अपने जीवन के अंत समय के अकेलेपन को बोला . किसी पर तोहमत नहीं लगाया लेकिन उस सच को स्वीकार भी किया .
~ जीवन के किसी कड़वे सच को स्वीकार करने के लिए भी करेजा चाहिए .

ज़्यादा पुरानी बात क्या करें. याद कीज़िये कोरोना काल का वह मौसम और टाटा ट्रस्ट के तरफ़ से ₹ 1500 करोड़ का ऐलान हुआ . फिर रतन टाटा ने कहा की ना तो किसी की छँटनी होगी और ना ही किसी की तनख़ाह काटी जाएगी 🙏

जा कर इंस्टाग्राम के वीडियो / रील देखिए . लड़कियां किस तरह ‘तथाकथित अल्फ़ा मैन’ की परिभाषा बदल रही हैं . ये बच्चियाँ आपसे कम पढ़ी लिखी या कम धन दौलत वाली नहीं हैं . लेकिन वो स्त्री हैं तो …
~ उन्हें आपकी मर्दानगी के पीछे से मुस्कुराता करुणामय छवि भी चाहिए . आपके बलिष्ठ भुजाओं में कोमलता भी चाहिए . आप वीर हैं तो आपसे उन्हें न्याय भी चाहिए 😊

थैंक्स सर 😊

: रंजन ऋतुराज , दालान

इस तस्वीर की मासूमियत ने लिखने को मजबूर कर दिया .
♥️🌸♥️

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