नवरात्र – ५ , २०२०

नवरात्र – ५ , २०२०

~ बात ठीक दस साल पहले की है । दशहरा की छुट्टी में हम सपरिवार पटना में थे । एक शाम एक गहरे मित्र भोजन पर आमंत्रित किए। उनके घर गया तो उनका दो चार साल का बेटा बहुत रो रहा था। बहुत। उसकी मां परेशान परेशान । थोड़ी देर बाद मेरी पत्नी ने उसे अपने गोद में लिया और हनुमान चालीसा पढ़ने लगी । देखते देखते वो शान्त ही नहीं हुआ बल्कि सो भी गया ।
मेरे मन में यही बात आईं की हनुमान चालीसा महज एक कविता है और कविता में इतनी शक्ति कहां से आई । सैकडो साल से उस कविता को करोड़ों लोग रोज अपनी श्रद्धा से उसका जाप करते है । श्रद्धा और जाप का असर है कि उस कविता में इतनी शक्ति है । श्रद्धा विश्वास पैदा करता है और जाप एक ख़ास तरह कि ऊर्जा ।
कुछ साल पहले एक मित्र से थोड़े दिनों बाद एक समारोह में मुलाकात हुई , मेरी व्यक्तिगत श्रद्धा उसके लिए अनन्त थी और जैसे ही मैंने उसे देखा , मुझे ऐसा लगा कि मेरे अन्दर एक ऊर्जा का संचार हुआ । और ऐसा मेरे साथ हर बार हुआ । उसके अन्दर कितनी शक्ति , मुझे नहीं पता लेकिन मेरे अन्दर उसके लिए अनन्त विश्वास था और शायद उस श्रद्धा और विश्वास का असर था कि मै क्षण भर में खुद के अन्दर ऊर्जा पाता था । बाद में , मैंने उसका नाम ही क्वांटा रख दिया था । हा हा हा – ऊर्जा का पैकेट :))
~ माता पिता इतने शक्तिशाली क्यों होते है ? खून के रिश्ते के साथ साथ एक विश्वास । कई दफा लोगों की अपेक्षा अपने माता पिता से इतनी हो जाती है उम्र के आखिरी पड़ाव तक उनसे शिकायत होती है । लेकिन इस विश्वास की शक्ति आप कहीं भी पैदा कर सकते हैं और कहीं भी पा सकते हैं । शायद यह पहली नजर का कमाल होता है जब आपका दिल नहीं बल्कि आत्मा स्वीकार करती है । शरीर खत्म हो जाता है , दिल टूट सकता है लेकिन आत्मा नश्वर है । और जहां आत्मा गवाही देता है , वहीं ईश्वर होता है । मुझे अन्य धर्मों का नहीं पता , जहां मेरा विश्वास है – वहीं मेरा ईश्वर है । लेकिन यह सिर्फ पहली नजर नहीं बल्कि कई बार लगातार एक बिलिफ सिस्टम में रहने से भी होता है । इस पर लेख बहुत लंबा हो जायेगा ।
~ लेकिन ऐसी कई घटनाओं की अनुभूति होना भी अपने आप में एक शक्ति है । इस शक्ति का एहसास तभी होगा जब आप ध्यान मग्न होंगे । कोई अंत्र मंत्र की ज़रूरत नहीं । इस नवरात्र आप नौवें दिन मुझसे आंख नहीं मिला सकते :)) इतनी इंटेनसिटी होती है कि यह सिर्फ और सिर्फ दुर्गा को शक्ति है ।
जहां साधक है , वहीं देवी है या जहां देवी है वहीं साधक है 🙏❤️🙏
: रंजन , दालान

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