विजयादशमी 🙏

विजयादशमी 🙏

विजयादशमी / दशहरा की शुभकामनाएं 🌸

~ जहां इंसान अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहता है , वहीं धर्म की जय होती है 🙏

: आज देवी की विदाई भी है । देवी की विदाई इस बात का प्रतीक है की जिस शक्ति की आराधना कर के , ईश्वर से प्राप्ति कर के आप पाते हैं , उनका यथोचित रूप से सम्मान के साथ विदाई होना अवश्य है 🙏

~ श्रीराम स्वयं विष्णु के अवतार थे । जब इस पृथ्वी पर उनको इतना कष्ट हुआ तो हम और आप क्या चीज है । जिनके पिता स्वयं अयोध्या के राजा , ससुर राजा जनक और नसीब में समस्त जवानी जंगल में । लेकिन यह भी सत्य है की धैर्य , साहस और कुछ एक मित्रों की सहायता से वैसे कष्ट दूर किए जा सकते हैं । शायद इसलिए रामायण और महाभारत प्राचीन काल से ही जीवन का एक फिलोसॉफी है । जब आप इसकी महत्ता समझेंगे फिर किसी को भी ‘जज ’ करना बंद कर देंगे 🙏

~ लेकिन मेरा एक सवाल है 😐 क्या इतिहास श्रीराम की जवानी लौटा सकता है ? अगर वो 14 साल के वनवास की जगह अयोध्या के राजा होते तो क्या होता ? रावण नही मारा जाता या फिर किसी दूसरे तरीके से रावण मारा जाता । श्रीलंका से युद्ध होता इत्यादि । एक बचपन से मेरे मन में यही सवाल कौंधता है : श्रीराम का वो 14 साल का वनवास और कैकेयी । बाकी आवण रावण से मतलब नहीं । वह ज्ञान और स्वर्ण की लंका का कोई मोल नहीं है जो अहंकार के आवरण में लिपटी हुई हो ।

~ किसी आध्यात्मिक का वीडियो देख रहा था , उन्होंने कहा की जिसके ससुर राजा दशरथ , जिसके पिता राजा जनक , जिसके नैहर और ससुराल में शुद्ध सोना का असीम भंडार : वह सीता रोल्ड गोल्ड / मृग को देख ललच गई 😐

: यही जीवन है । यही प्रकृति है । स्वयं को छोड़ किसी भी अन्य के मन और प्रकृति को नियंत्रण करना मुश्किल है । फिर इस हालात में मन के योग से स्वयं को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रखना ही मर्यादा पुरुष श्री राम को आदर्श बनाना है ।

~ बाकी सब पहले से तय है । कब किसको राम बनना है और किसको रावण ।

: रंजन ऋतुराज , विजयादशमी , दालान 🙏

One comment

Dr Pawan Kumar Pandey

असंभवं हेममृगस्य जन्म तथापि रामो लुलुभे मृगाय ।

प्रायःसमापन्नविपत्तिकाले धियोsपि पुंसां मलिनी भवन्ति।

यद्यपि सोने का मृग सर्वथा असंभव है फिर भी राम (अपनी पत्नी के कहने पर) उसके लिए लुब्ध हो गए, प्रायः जब विपत्ति आनी होती है तो अत्यन्त बुद्धिमान व्यक्ति की बुद्धि भी मलिन हो जाती है ।

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