कभी हवाई यात्रा नहीं किए :(

हम आज तक हवाई जहाज़ पर नहीं चढ़े हैं 😐 आपकी क़सम । जब कोई फ़ेसबुक पर हवाई अड्डा पर चेक इन करता है – कैसा कैसा दो मन करने लगता है । हमारे जैसा आदमी के अंदर हीन भावना आती है । 😐 कोई रेलवे स्टेशन पर चेक इन वाला पोस्ट क्यों नहीं डालता है 🙁
बचपन में छत से एकदम ऊँचा हवाई जहाज़ नज़र आता था । छत से ही टाटा करते थे – मन भर देख भी नहीं पाते थे – अजिन कज़िन को बुला कर दिखाने में ही हवाई जहाज़ आसमान से ग़ायब 😐 तब तक कोई बड़ा अजिन कज़िन का हवा शुरू – कैसे उसके नाना जी हवाई जहाज़ पर चढ़े थे , उनका गप्प सुन मन एकदम से चिढ़ जाता था ।
जन्म भी मिडिल में भी मिडिल और उसके भी मिडिल क्लास में हुआ 😐 ब्रह्मा जी पिछला जनम में मेरे ‘गुंडागर्दी’ से परेशान रहे होंगे , धर के बिहार के मिडिल क्लास में टपका दिए 😟 स्कूल में भी ‘बस यात्रा , रेल यात्रा , चाँदनी रात में नौका विहार ‘ इत्यादि पर लेख लिखने को आता था लेकिन कोई शिक्षक ‘हवाई यात्रा’ पर पैराग्राफ़ तक लिखने को नहीं बोला । सोच में ही मिडिल क्लास घुसा हुआ था , रेल यात्रा से आगे बढ़ा ही नहीं 🙁
कॉलेज में कुछ दोस्त यार हवाई जहाज़ वाले होते थे । सेमेस्टर परीक्षा के बाद सबसे अंत में होस्टल छोड़ते थे और सबसे पहले अपने घर पहुँच जाते थे । ब्रह्मा जी पर ग़ुस्सा आता था । 😐 कभी कभी किसी को एयरपोर्ट पर सी ऑफ करने जाते हैं तो मन मे उदासी की कैसा दोस्त है , कभी तो बोलेगा – चलो रंजन , इस बार तुम भी हवाई जहाज पर चढ़ लो । मुंह मारी ऐसा धनिक दोस्त यार का ।
अब कभी कभी चार्टेड से पटना दिल्ली करने का मन । एकदम सफ़ेद ड्रेस में । घस्स से पटना हवाई अड्डा पर स्कॉर्पीओ रुका – फट फट गेट खुला , खट खट बंद हुआ । लेदर वाला पतला ब्रीफ़केस , अरमानी का गागल्स , सीधे चार्टेड के अंदर । चेला चपाटी टाटा किया । एक मुस्कान एयर होस्टेस को 😎 सीधे दिल्ली । ड्राईवर साहब को बोले – तनी ताजमहल के ऊपर से लेे चलिए तो ।
~ रंजन ऋतुराज / दालान / 26.10.2016