वहमों गुमान से दूर दूर…यकीन के हद के पास पास ,
दिल को भरम ये हो गया…कि उनको हम से प्यार है…☺️
~ और आज आप अपने जीवन के 82 वसंत पार किए ❤️
यंग एंग्री मैन की छवि के अलावा , 70 और 80 के दसक में , अमिताभ एक बेहतरीन रोमांटिक छवि भी रखे । फिल्म कभी कभी में जब वो राखी के गोद में सर रखते हैं और राखी उनके चेहरे को अपने बालों से ढक लेती हैं या ऐसा ही कुछ एक दृश्य फिल्म सिलसिला का, जब नीला आसमान गीत के सीन में रेखा अमिताभ के क्लीन शेव गालों पर अपनी उल्टी हाथ फेरती हैं 😊 खैर , जावेद अख्तर साहेब का लिखा गीत जो शायद मैं 1000 बार अपने स्वर में भी बोल चुका हूं , बेहद नही अति पसंद ।
‘ ये रात है या, तुम्हारी जुल्फे खुली हुई है
है चांदनी या तुम्हारी नज़रों से मेरी राते धुली हुई है
ये चाँद है, या तुम्हारा कंगन
सितारें है, या तुम्हारा आँचल
हवा का झोंका है, या तुम्हारे बदन की खुशबू
ये पत्तियों की है सरसराहट, के तुम ने चुपके से कुछ कहा है’
~ शुभकामनाएं 💕
: रंजन , दालान