गोभी … :))

गोभी … :))

फूलगोभी की इस तस्वीर को देख आप मक्खन भूल जाएंगे । सीजन आ गया है । सुबह सुबह नहा धों कर , हल्का गीला गरम भात पर दो चम्मच घी और ‘ गरम गरम गोभी आलू ‘ का सब्जी । उसके बाद रोजी रोटी कमाने निकल जाइए ।


गोभी जबरदस्त कमजोरी है । सालों भर चाहिए । अब वो १०० रुपए किलो मिल रहा है या रुपैया का एक किलो – कोई फर्क नहीं पड़ने वाला ।
नया नया नोएडा गया था । सुबह सुबह नाश्ते में घी से लथपथ दो पराठा और छोटी थाली / छिपली में गरम गरम आलू गोभी का सब्जी , हरा धनिया डाला हुआ । मस्त नाश्ता के बाद । बजाज चेतक पर दे किक …दे किक ।
आलू गोभी की भुजिया भी बेहद पसंद । मेसरा में पढ़ता था – हॉस्टल नम्बर 5 के मेस में , साढ़े चार रुपया में , बड़का कढ़ाही से , छनौटा से गरम गरम फ्रेंच फ्राय जैसा भुजिया । भर पेट खाइए और चैन से सिंगल रूम में एक नींद । नवंबर के महीना में , भागलपुरी अंटी चादर ओढ़ । मेरे जेनेरेशन में कहा जाता था कि मणिपाल और मेसरा में लोग पढ़ने कम और खाने ज्यादा जाता था । हा हा हा ।
नॉन वेज छूट गया है । निल । बस कभी कभार अंडा , वो भी प्रोटीन के लिए । आजकल एकदम सात्विक भोजन का मन करता है ।
रात में गोभी पराठा । अभी गांव गया था तो एक रात मस्त पराठा । थोड़ा जला हुआ तावा पर – बड़का बड़का गोभी पराठा । इस सीजन आपके किचेन गार्डन में गोभी के फूल नहीं निखर रहे , फिर सब बेकार । सुबह सुबह किचेन गार्डन में टहलते हुए – हां जी , ये वाला फूल खिल रहा है , आज भात दाल पर इसी फूल का ‘ बचका ‘ बनेगा । एकदम सरसों के तेल में छनाया हुआ – गोभी का बचका । खाइए और खटिया धर लीजिए , बरामदा में । सब कुछ लौट आएगा लेकिन यह वक़्त / मौसम और मिजाज़ कहां से लौटेगा ।
वैसे भी 2019 खत्म होने में बस पौने दो महीना रह गया है । अब , सब नया काम 2020 से शुरू होगा ।
तब तक जाड़ा का आनंद लेने दीजिए … :))
~ रंजन / दालान / 07.11.2019

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