छठ क्या है ? छठ यही है 🙏
~ किसी भी बिहारी के लिए यह समझा पाना की छठ क्या है । दुनिया का सबसे मुश्किल काम । जाति को कौन पूछे – धर्म की दीवारें गिर जाती है ।
~ भावनाओं का वह सागर किस तूफान पर होता होगा जब गांव के नथुनी मियां कहते हैं –” बउआ , दु सूप हमरो तरफ से , बेटा के अरब में नौकरी लाग गइल । “
~ कैसा है यह पर्व । दलित के बगल में ब्राह्मण भी उसी घाट पर खड़ा । राजा के बगल में रंक । चोर के बगल में सिपाही । जमींदार के बगल में बेलदार । कलक्टर के बगल में चपरासी । सभी के सभी एक साथ पहले डूबते और फिर उगते सूर्य की ’अरग ’ 🙏
~ कितना कठिन पर्व । पहले दिन १२ घंटे का बिना जल का उपवास । फिर दूसरे दिन २४ घंटे का बिना जल का उपवास । और फिर ३६ घंटे का बिना जल महा उपवास 🙏
~ हिन्दू धर्म मंत्रोचारण पर निर्भर है । ना किसी ब्राह्मण की ज़रूरत और ना ही किसी वेद की पढ़ाई । ना किसी हवन की ज्वाला और ना ही किसी जनेऊ और टीक का धारण 🙏
~ जो है तो बस वही है – ऊर्जा के सबसे बड़े श्रोत – सूर्य की उपासना । पहले डूब रहे सूर्य की पूजा फिर एक कठोर रात गुजारने के बाद उग रहे सूर्य की पूजा ।
और आप हमसे पूछते हैं …छठ क्या है । और क्या लिखे और क्या समझाएं कि छठ क्या है । ना हम लिख सकते हैं और ना आप समझ सकते हैं ।
आप अगर हम है तो बस समझ जाइए – आज नहाय खाय है । छठ व्रती नहाने के बाद साल का सबसे पवित्र और सात्विक भोजन करेंगे 🙏 अरवा चावल , चना का दाल और कद्दू की सब्जी – पता है …इस पवित्रता को एक साल का इंतजार होता है 🙏
और आप हमसे पूछते हैं …छठ क्या है …
: रंजन , दालान / 18.11.2020
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यही हमारी संस्कृति है जो हमें डूबते सूरज को भी प्रणाम करना सिखाती है 🙏